<p><strong>Syria War:</strong> सीरिया के विद्रोही गुटों ने दावा किया है कि उन्होंने राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है. कई मीडिया आउटलेट्स ने विद्रोही ताकतों का हवाला देते हुए बताया कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर चले गए हैं. ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सीरियाई विद्रोही गुटों ने कहा कि विद्रोही लड़ाके रविवार तड़के दमिश्क घुस आए. </p>
<p>इसी बीच अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के हालात को लेकर एक बड़ा बयां दिया है. उन्होंने कहा है कि अब जल्द से जल्द युद्धविराम हो जाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने चीन से भी मदद मांगी है. </p>
<p><strong>डोनाल्ड ट्रंप ने कही ये बात </strong></p>
<p>डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा, "असद जा चुके हैं. वो अपने देश छोड़कर भाग गए हैं. उनके संरक्षक व्लादिमीर पुतिन को भी उनकी रक्षा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है. रूस को सीरिया में कोई भी दिलचस्पी नहीं है. इसकी एक वजह यूक्रेन के साथ युद्ध भी है. इस युद्ध में 600,000 रूसी सैनिक घायल या मृत पड़े हैं. इस युद्ध कभी शुरू नहीं होना चाहिए. रूस और ईरान इस समय कमज़ोर स्थिति में हैं. रूस यूक्रेन के साथ युद्ध की वजह से कमजोर हो गया है. वहीं, ईरान इजरायल की युद्ध में सफलता की वजह से कमजोर हो गया है. </p>
<p>उन्होंने आगे कहा कि वो अब यूक्रेन को समझौते के लिए तैयार करना चाहेंगे. इस युद्ध की वजह से उन्होंने अपने 400,000 सैनिकों को खो दिया है. अब तत्काल युद्धविराम होना चाहिए और बातचीत शुरू होनी चाहिए. बहुत सारी जिंदगियां अनावश्यक रूप से बर्बाद हो रही हैं. बहुत सारे परिवार नष्ट हो गए हैं और अगर यह जारी रहा तो यह बहुत बुरा हो सकता है. मैं व्लादिमीर को अच्छी तरह जानता हूं. यह उनके लिए कार्य करने का समय है. चीन मदद कर सकता है. दुनिया इंतज़ार कर रही है!</p>
<p><strong>सीरियाई प्रधानमंत्री ने की अपील</strong></p>
<p>सीरियाई प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने विद्रोहियों द्वारा दमिश्क में प्रवेश करने के दावे के तुरंत बाद फेसबुक पर पब्लिश एक वीडियो में कहा कि वह लोगों द्वारा चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ ‘सहयोग’ करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने नागरिकों से सार्वजनिक संपत्तियों में तोड़फोड़ न करने की अपील की. </p>
<p>अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक प्रमुख विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के कमांडर अबू मोहम्मद अल-जुलानी का कहना है कि सभी राज्य संस्थाएं अल-असद के प्रधानमंत्री की निगरानी में तब तक रहेंगी जब तक उन्हें आधिकारिक रूप से सौंप नहीं दिया जाता. </p>
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